मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाइयाँ जारी रखना क्यों है जरूरी?

Dr Deepak Kumar, MBBS, MD Medicine, DM Cardiology

3/2/20251 मिनट पढ़ें

मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाइयाँ जारी रखना क्यों है जरूरी?


भारत में मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) तेजी से बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्याएँ बन गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में 8 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि उच्च रक्तचाप के मामले 20 करोड़ को पार कर चुके हैं। ये दोनों रोग "साइलेंट किलर" माने जाते हैं, क्योंकि इनके लक्षण लंबे समय तक स्पष्ट नहीं होते, लेकिन अनियंत्रित होने पर जानलेवा जटिलताएँ पैदा कर सकते हैं। ऐसे में, इन बीमारियों की दवाइयों को नियमित रूप से जारी रखना अत्यंत आवश्यक है।

मधुमेह और उच्च रक्तचाप: मूल समझ

मधुमेह: यह रोग रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से होता है। इंसुलिन हार्मोन की कमी या असमर्थता के कारण शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा में नहीं बदल पाता।
उच्च रक्तचाप: इसमें धमनियों पर रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है, जिससे हृदय, किडनी, और मस्तिष्क को नुकसान पहुँचता है।

दोनों ही स्थितियाँ पुरानी (क्रोनिक) हैं, जिनका कोई स्थाई इलाज नहीं है। दवाएँ केवल लक्षणों को नियंत्रित करती हैं, इसलिए इन्हें जीवनभर लेना जरूरी है।

दवाएँ बंद करने के जोखिम

  1. मधुमेह में खतरा:

    • दवा बंद करने से रक्त शर्करा अनियंत्रित हो सकती है, जिससे:

      • हाइपरग्लाइसीमिया (अत्यधिक थकान, प्यास, धुंधला दिखाई देना)।

      • दीर्घकालिक जटिलताएँ जैसे तंत्रिका क्षति, गुर्दे की विफलता, हृदय रोग, और अंधापन।

    • गंभीर मामलों में डायबिटिक कोमा या मृत्यु भी हो सकती है।

  2. उच्च रक्तचाप में खतरा:

    • दवा छोड़ने से रक्तचाप अचानक बढ़ सकता है, जिससे:

      • स्ट्रोक, हृदयाघात, या किडनी डैमेज का खतरा।

      • हाइपरटेंसिव क्राइसिस (अचानक सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, चेतना लोप)।

दवा बंद करने के कारण और समाधान

  1. "मैं ठीक महसूस करता हूँ": लक्षणों का कम होना दवा का प्रभाव है, बीमारी का ठीक होना नहीं।

  2. साइड इफेक्ट्स का डर: डॉक्टर से परामर्श करके दवा बदली जा सकती है।

  3. आर्थिक समस्या: जेनेरिक दवाओं या सरकारी योजनाओं (जैसे आयुष्मान भारत) का सहारा लें।

  4. घरेलू नुस्खों पर भरोसा: आयुर्वेद या योग सहायक हैं, लेकिन दवा का विकल्प नहीं।

दवा के साथ जीवनशैली का महत्व

  • संतुलित आहार: शक्कर, नमक, और वसा कम लें। हरी सब्जियाँ, फाइबर युक्त भोजन प्राथमिकता दें।

  • नियमित व्यायाम: प्रतिदिन 30 मिनट टहलना, योगासन (कपालभाति, अनुलोम-विलोम)।

  • मॉनिटरिंग: ग्लूकोमीटर और BP मशीन से नियमित जाँच।

  • तनाव प्रबंधन: ध्यान और पर्याप्त नींद लें।

दवा नियमित लेने के टिप्स

  • अलार्म या रिमाइंडर सेट करें।

  • दवा का बॉक्स किसी दिखाई देने वाली जगह रखें।

  • परिवार के सदस्यों को सूचित रखें ताकि वे याद दिलाएँ।

  • डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाएँ और खुराक समायोजित करें।

निष्कर्ष

मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाएँ रोगियों के लिए वरदान हैं, लेकिन केवल तभी प्रभावी हैं जब नियमित ली जाएँ। इन्हें बंद करना या अनियमित तरीके से लेना जानलेवा हो सकता है। याद रखें: "रोकथाम इलाज से बेहतर है।" अपने डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, और दवाओं को कभी न छोड़ें। आपकी सेहत आपके हाथ में है!